यह धागों का त्योहार अजीब है, भाई बहन का प्यार अजीब है, दुनिया जमाना जिसकी दीवानी, फिर कहने का अधिकार अजीब है, भाई बहन का प्यार अजीब है, यह धागों का त्यौहार अजीब है। छोटे भाई बहन जब थे तो, खुशियां मिलती थी अपार, देश से जुड़ती है त्यौहार जब सैनिक बांधते हैं रक्षा सूत्र खाते कसम संदेश सेवा की, तब लगता यह त्यौहार गजब है, भाई बहन का प्यार अजब है यह धागों का त्यौहार अजब है। प्रेम प्रकाश पाण्डेय
देश भक्ति से ओत प्रोत कविताओं का संग्रह जोकि मेरे द्वारा लिखीं गई है आपको प्रतिदिन एक नई कविता इस ब्लॉग्स में मिलेगी। ✍️ प्रेम प्रकाश पाण्डेय