Skip to main content

शाम ढले

अभी तो खेला शुरू हुई है,

अबकी की सरकार में,

जनता पिये  पानी,

नेता बैठे दरबार में 

अभी तो.....।

चुनावी घोषणा में भैया,

दिखे सोना चांदी ‌।

नेताजी जब जीत गए तो,

जनता फांकें माटी।

अभी तो..!






Comments

Popular posts from this blog

छलका

चल रहा था, गांव मिला, पीपल का एक, छांव मिला, हरियाली खुशहाली थी , मौसम बड़ी निराली थी, एक चिड़िया , नखराली थी, दिखती, बहुत प्यारी थी, थोड़ा सा विश्राम हुआ, दिल वहां लाचार हुआ, नाम नारंगी बतलाई, कंचन सा मुसकाई, फिर,  आ गया उसका भाई, देख उसे, दिमाग चकराया, भाई को भाई कहकर, अपना पिछा छुड़ाया, राह चला ,आगे बढ़ा, मन में नव विश्वास जगा, दर्पण बना , उस अनुरागी का, मन में भी अनुराग जगा, कलरव करती, मन की धारा, सुगम पल, एहसास जगा, सपनों में एक, अनुभव , सुखद पल का, प्राप्त हुआ।। ✍️प्रेम प्रकाश पाण्डेय 

जय शिव

चूड़ी हरिहर पहीन जाईब, बाबा धाम नगरी, जाके जलवा चढ़ाईब , बाबा धाम नगरी, हर हर बम बम - हर हर बम बम बाबा धाम नगरी , चूड़ी हरिहर पहीन जाईब, बाबा धाम नगरी, जाके जलवा चढ़ाईब , बाबा धाम नगरी। गौरी गणेश जी के मंदिर लगही बांटे  शिव जी के महिमा  बाबा धाम नगरी, चूड़ी हरिहर पहीन जाईब --1           प्रेम प्रकाश पाण्डेय 

घुंघरू

घुंघरू पायल की जब बाजे, घुंघरू।  कि घुंघरू पायल की जब बजे, घुंघरू।। जिया लालचाए रे,-2 नजर इधर-उधर फिर जाए -2 लाल हरा रंग दिखलाएं, दिल की धड़कन को बढ़ाएं, धरती आसमान मिल जाए , फिर जिया लालचाए रे, घुंघरू पायल कि जब बजे-2