घुंघरू पायल की जब बाजे, घुंघरू।
कि घुंघरू पायल की जब बजे, घुंघरू।।
जिया लालचाए रे,-2
नजर इधर-उधर फिर जाए -2
लाल हरा रंग दिखलाएं,
दिल की धड़कन को बढ़ाएं,
धरती आसमान मिल जाए ,
फिर जिया लालचाए रे,
घुंघरू पायल कि जब बजे-2
देश भक्ति से ओत प्रोत कविताओं का संग्रह जोकि मेरे द्वारा लिखीं गई है आपको प्रतिदिन एक नई कविता इस ब्लॉग्स में मिलेगी। ✍️ प्रेम प्रकाश पाण्डेय
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