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घर में खुशहाली (हास्य व्यंग)

घर में अगर खुशहाली चाहते ,
तो हां में हां मिलाओ जी,
पत्नी जो कहती है,
वही कहा दोहरावो जी,
घर में अगर खुशहाली चाहते,
तो हां में हां मिलाओ जी,।

इनकी इच्छाओं के आगे,
तुम अपनी न कह जाओ जी,
ये जो कहती है,
वही कहा  दोहरावो जी
घर में अगर खुशहाली चाहते,
तो हां में हां मिलाओ जी,

समय समय पर इनको,
उनके मायके भी ले जाओ जी,
अपने घर की त्याग करो,
इनके घर रह जाओ जी,
हो सके तो और मात्रा,
उसी में मिलाओ जी,
घर में अगर खुशहाली चाहतें,
तो हां में हां मिलाओ जी।

घर को छोड़ो ,गांव को छोड़ो,
भाई बहन छोड़ जाओ जी,
जब पत्नी कहती है तो
मां बाप भी छोड़ जाओ जी,
समय-समय  रसोई जा कर,
खाना खुद बनाओ जी,
फिर भी अगर रहा ना जाए,
फिर जाकर पैर दबाओ जी,
पत्नी जो कहती है
वही कहा दोहरावो जी,
घर में अगर खुशहाली चाहते
तो हां में हां मिलाओ जी।।

                               प्रेम प्रकाश पाण्डेय
                               94693 94375

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