है प्रतिकूल मौसम अब तो,
मौका दो हमको इस बार,
पूरा विश्व है साथ हमारे
फिर भरने दो हमको ललकार,
करने दो गोली की बौछार।
देखो हमारी ताकत को,
किया हमने शक्ति प्रदर्शन ,
पूरा विश्व यह जाना है,
फिर जाने दो उस पार,
करने दो गोली की बौछार।
दुष्ट तो दुष्ट होता है
हमेशा घात करता है,
कैसे हम चुप रह जाएं,
फिर कह दो हमें एक बार
करने दो गोली की बौछार।
जब दुष्ट पड़ोसी होता है,
अमन चैन सब खोता है
युद्ध निर्णायक होता है,
फिर क्यों चुप रहे इस बार,
करने दो प्रलय कारी बौछार,
वह रोज युद्ध विराम तोड़ता है,
सोए शेर का नींद तोड़ता है,
हम कब तक ऐसे चुप रहेंगे
सहने की सीमा हुई पार
बस करने दो फिर से बौछार,
ऐसा रहा हमारा इतिहास,
जो विश्व से कभी न हारा है,
सर्वत्र ध्वज लहराया है,
फिर क्यों रोके हमें इस बार,
कह दो फिर से करें गोली की बौछार।।
प्रेम प्रकाश पाण्डेय
मौका दो हमको इस बार,
पूरा विश्व है साथ हमारे
फिर भरने दो हमको ललकार,
करने दो गोली की बौछार।
देखो हमारी ताकत को,
किया हमने शक्ति प्रदर्शन ,
पूरा विश्व यह जाना है,
फिर जाने दो उस पार,
करने दो गोली की बौछार।
दुष्ट तो दुष्ट होता है
हमेशा घात करता है,
कैसे हम चुप रह जाएं,
फिर कह दो हमें एक बार
करने दो गोली की बौछार।
जब दुष्ट पड़ोसी होता है,
अमन चैन सब खोता है
युद्ध निर्णायक होता है,
फिर क्यों चुप रहे इस बार,
करने दो प्रलय कारी बौछार,
वह रोज युद्ध विराम तोड़ता है,
सोए शेर का नींद तोड़ता है,
हम कब तक ऐसे चुप रहेंगे
सहने की सीमा हुई पार
बस करने दो फिर से बौछार,
ऐसा रहा हमारा इतिहास,
जो विश्व से कभी न हारा है,
सर्वत्र ध्वज लहराया है,
फिर क्यों रोके हमें इस बार,
कह दो फिर से करें गोली की बौछार।।
प्रेम प्रकाश पाण्डेय
Very nice poet wrote
ReplyDeleteSuper..
ReplyDeleteThanks
DeleteSuper..
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