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Showing posts from August, 2022

सोचता हूं

सफर में कल भी था, सफर में आज भी है, सफर में कल रहूंगा, सोचता हूं। मित्र मिले हजारों, सबसे सुंदर मैं रहूंगा, सोचता हूं  सफर में कल भी था आज रहूंगा, सोचता हूं। उनसे भी मिला था, आज आप मिले, कल कौन मिलेगा, सोचता हूं। सफर में कल भी था, आज रहूंगा, सोचता हूं। है अजीब विचार मेरा, पसंद हो सबकी, अपने आप को, कोसता हूं। सफर में कल भी था, आज रहूंगा, सोचता हूं।                  प्रेम प्रकाश पाण्डेय