उन्होंने मुझे देखा, मैं भी थोड़ा नजर मिलाया, पिछले जन्म का, कुछ न कुछ लगाव होगा, ऐसा अपनापन और कहां होगा, अपने इस समाज में, जुदा हम कहां होंगे, तबीयत से देखो, पराए सब अपने होंगे, नयन सुख से भरा, हर एक दौर अपने होंगे, महफिल है नेक, तो हर महफिल अपने होंगे, प्रेम प्रकाश पाण्डेय
देश भक्ति से ओत प्रोत कविताओं का संग्रह जोकि मेरे द्वारा लिखीं गई है आपको प्रतिदिन एक नई कविता इस ब्लॉग्स में मिलेगी। ✍️ प्रेम प्रकाश पाण्डेय