मईया हई मोर दुलारी, हम चढाईब कंगना, मईया....। हमहु चढ़ाईब अपना सखी से चढ़ावाईब। झुम झुम झुलुवा झुलाइब अंगना। मईया....। लाल रंग साड़ी चढ़ी लाल रंग टिकुलि, लाल रंग चुड़ीया चढाईब अंगना। मईया ....। नव दिन भुखी पाठ करवाईब, पांच गो कुंवारी हम खिलाईब अंगना। मईया....। प्रेम प्रकाश पाण्डेय
देश भक्ति से ओत प्रोत कविताओं का संग्रह जोकि मेरे द्वारा लिखीं गई है आपको प्रतिदिन एक नई कविता इस ब्लॉग्स में मिलेगी। ✍️ प्रेम प्रकाश पाण्डेय