हिम्मत तो दिखलाओ, थोड़ा आगे आओ, हम भी राही हैं, तुम भी राही हो, नजर तो मिलाओ, थोड़ा आगे आओ। है जिंदगी खुशी की, खुशी को दिखलाओ, थोड़ा आगे आओ, तुम भी चल रहे हो, हम भी चल रहे हैं, नजर न झुकाओ, थोड़ा आगे आओ। है जिंदगी खूबसूरत तेरी , खूबसूरती को दिखलाओ, थोड़ा आगे आओ, चांद सा हो चमकती, चांदनी को न छुपाओ, थोड़ा आगे आओ। एक साथ है चल रहे अनजान बनकर रह रहे, बातें तो कर जाओ, थोड़ा आगे आओ। है चंचल मन तेरा, है चंचल मन मेरा, खामोशी को तोड़ जाओ, थोड़ा आगे आओ। चल रहे राही बनकर, पथ पर पथिक हम दोनों, अपनी पता तो बताओ थोड़ा आगे आओ, रास्ते समाप्त हो रही है, समय बदल रही है, समय को बचाओ, थोड़ा आगे आओ। जीवन का लक्ष्य है एक, आपका भी है एक, मेरा भी है एक, अपने लक्ष्य को बताओ, थोड़ा आगे आओ। कैसे समय बीत रही, कहीं अजनबी न बन जाओ, थोड़ा आगे आओ, थोड़ा आगे आओ। प्रेम प्रकाश पाण्डेय ...
देश भक्ति से ओत प्रोत कविताओं का संग्रह जोकि मेरे द्वारा लिखीं गई है आपको प्रतिदिन एक नई कविता इस ब्लॉग्स में मिलेगी। ✍️ प्रेम प्रकाश पाण्डेय